उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने और प्रदेशवासियों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। सरकार का उद्देश्य रोगियों को घर-द्वार के निकट आधुनिक उपचार सुविधाएं सुनिश्चित करवाना है ताकि उन्हें अन्य उपचार के लिए अन्य राज्यों में जाने की आवश्यकता न पड़े।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब किडनी के मरीजों को उपचार के लिए बाहरी राज्यों में जाना पड़ता था। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए चिकित्सा माफिया इन मरीजों को ठग रहा था। कई मामलों में मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पश्चिम बंगाल राज्यों में ले जाया गया और बीचोलियों द्वारा ठगा गया। इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य में ही रोबोटिक सर्जरी तथा किडनी ट्रांसप्लांट जैसी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू कीं। टांडा चिकित्सा महाविद्यालय में पिछले छः महीनों में 35 किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किए गए हैं।
श्री पठानिया ने बताया कि राज्य में मरीजों के लिए पहली बार रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शिमला के चमियाणा अस्पताल और टांडा मेडिकल कॉलेज में मिलना शुरू हो चुकी है। आने वाले समय में आईजीएमसी शिमला, नेरचौक और हमीरपुर चिकित्सा में भी रोबोटिक सर्जरी की  सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार हिम केयर योजना के लाभार्थियों को बेहतर इलाज देने के लिए इस योजना का विस्तार किया गया है। अब आपात स्थिति में मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और चिकित्सा अधीक्षक भी हिमकेयर कार्ड बना सकेंगे। हर वर्ष मार्च, जून, सितम्बर और दिसम्बर महीने मंे हिमकेयर कार्ड बनाए जाएंगे। इसके अलावा,  बी.पी.एल, मनरेगा, फेरीवालों, अनाथ और जेल कैदियों के निःशुल्क हिमकेयर कार्ड बनाने का प्रावधान भी किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने कैंसर मरीज़ों के लिए मुफ़्त इलाज और दवाइयों का प्रावधान किया है। हमीरपुर में उत्कृष्ट कैंसर अस्पताल स्थापित किया जा रहा है।
श्री पठानिया ने बताया कि प्रदेश सरकार चिकित्सा महाविद्यालयों से लेकर नागरिक अस्पतालों में पुरानी मशीनों को बदल कर नए आधुनिक एमआरआई, सीटी सकैन, एक्स-रे आदि मशीनें उपलब्ध करवा रही है, जिसके लिए सरकार ने 3 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय में 200 चिकित्सा अधिकारी और 400 स्टाफ नर्स के पदों को भरने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, 15 सितम्बर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी और गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी में ऐसीस्टेंट सहायक प्राचार्य के 38 पदों को भरने का निर्णय लिया गया है।
केवल सिंह पठानिया ने कहा कि स्वास्थ्य के अलावा प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र को भी विशेष अधिमान दे रही है। राज्य में शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और विद्यार्थियों को शिक्षा के बेहतर अवसर सुनिश्चित करने के लिए कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेजों, आई.टी.आई. पॉलिटेक्निक कॉलेजों, आयुर्वेदिक कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों में अध्यापक शैक्षणिक सत्र के बीच सेवानिवृत्त नहीं करने का निर्णय लिया है। अब इन अध्यापकों को सत्र के अंत में सेवानिवृत्त किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने शिक्षा के स्तर व गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने और विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर रूप से तैयार करने के दृष्टिगत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में सीबीएसई पाठ्यक्रम आरम्भ करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में राज्य के 100 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएसई से संबद्ध की जाएंगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक सीबीएसई स्कूल खोला जाएगा ताकि सभी क्षेत्र के विद्यार्थी सुगमता से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।
उन्होंने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का युक्तिकरण कर शिक्षण संसाधनों का बेहतर उपयोग किया। जीरो इनरोलमेंट या बेहद कम संख्या वाले 818 स्कूलों को बन्द किया गया तथा कम छात्र संख्या वाले 535 स्कूलों को मर्ज किया।  प्रदेश सरकार ने 5,400 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति और 7,000 से अधिक पदों की भर्ती की।

श्री पठानिया ने बताया प्रदेश सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आधुनिक सुविधाओं से युक्त राजीव गांधी आदर्श डे-बोर्डिंग स्कूलों स्थापित कर रही है। इन विद्यालयों में हाई-टैक स्मार्ट क्लास रूमए पुस्तकालय, खेल मैदान, इंडोर स्टेडियम, स्विमिंग पूल, सौर संयंत्र और वर्षा जल संचयन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इतना ही नहीं, प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुए विद्यालयों की मरम्मत और पुनर्निर्माण को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है ताकि किसी भी परिस्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
उन्होंने बताया कि भविष्य की ओर बढ़ते हुए सरकार ने अगले सत्र से विद्यालयों और महाविद्यालयों में बागवानी को वोकेशनल व्यवसायिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। यह पहल हमारे युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देने और प्रदेश की बागवानी आधारित अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। प्रदेश सरकार द्वारा किए गए शिक्षा सुधारों की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुई है और हिमाचल आज इन सुधारों के लिए पूरे देश के सामने एक आदर्श राज्य बनकर उभरा है।

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