शिमला         13 अगस्त, 2025

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में आज यहां नशामुक्त अभियान के तहत नशीली दवाओं के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के विरुद्ध सामूहिक शपथ समारोह आयोजित किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने शपथ समारोह कार्यक्रम में कोटशेरा राजकीय महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प (एनसीसी) और स्काउट एंड गाइड के 96 छात्रों, संजौली राजकीय महाविद्यालय के 20 छात्रों, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग के 13 छात्रों, सचिवालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, ज्ञान-विज्ञान समिति के सदस्यगण, नशामुक्त भारत अभियान से जुड़े पदाधिकारियों और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने जिला, प्रदेश तथा देश को नशामुक्त बनाने की शपथ दिलाई।
नशामुक्त भारत अभियान पांच वर्ष पूर्व मादक द्रव्यों पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इस अभियान ने नशामुक्त समाज का निर्माण करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।  
हिमाचल मंें राष्ट्रीय नशा निवारण अभियान के तहत गत वर्ष सभी जिलों में 5.75 लाख से अधिक लोगों को नशे के विरुद्ध जागरूक किया गया। इस दौरान प्रदेश के 5,660 गांव और 4,332 शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न आयु वर्ग के किशोरों, नवयुवकों, महिलाओं तथा जनमानस को जागरूक किया गया।
डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर उपस्थित प्रदेश के सभी युवाओं, महिलाओं, अधिकारियों कर्मचारियों से मादक द्रव्य के सेवन के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक रहने, अपनी सामूहिक सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने और नशे के विरुद्ध एकजुट प्रतिबद्धता दर्शाने का आह्वान किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारे युवा प्रदेश एवं देश का भविष्य है और केवल ऊर्जावान युवाओं से ही समृद्ध राष्ट्र की कल्पना संभव है। दुर्भाग्यवश युवा पीढ़ी और हमारे समाज में नशा सेवन की प्रवृति बढ़़ी है। इसके दृष्टिगत नशा निवारण एवं पुनर्वास सहित युवाओ को सही मार्गदर्शन प्रदान करने की नितांत आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नशे के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई है। हमारी सरकार ने विधानसभा से नशे एवं संगठित अपराध से संबंधित दो विधेयक पारित किए हैं, जिनमें नशा तस्करों को मृत्युदंड, आजीवन कारावास, 10 लाख तक जुर्माना, संपत्ति जब्त करने का प्रावधान पुनर्वास, निवारक शिक्षा एवं आजीविका सहायता सहित विभिन्न प्रावधान शामिल किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पीआईटी एनडीपीएस एक्ट को कड़ाई से लागू किया गया है। इसके तहत 42 करोड़ रुपये की अवैध संपति जब्त की गई है और 70 तस्करों की संपति चिन्हित कर अब तक 44 कुख्यात तस्करों को हिरासत में लिया गया है। पंचायत स्तर पर नशामुक्त अभियान सक्रियता से चलाया जा रहा है ताकि तस्करों और उपभोक्ताओं की पहचान की जा सके। प्रदेश सरकार ने नशे पर अंकुश लगाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर 13 पुलिस थानों को भी अधिसूचित किया है।
डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के विरुद्ध तथा नशा निवारण एवं पुनर्वास प्रयासांें के तहत जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में 100 बिस्तर क्षमता का उत्कृष्ट नशामुक्ति केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 5.34 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि निदेशालय इसोमसा द्वारा नीति आयोग, राष्ट्रीय निर्भरता उपचार केंद्र एम्स दिल्ली तथा पीजीआई चंडीगढ़ के सहयोग से नशा निवारण के लिए विस्तृत राज्य कार्य योजना के संबंध में भी कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के विभिन्न स्थानों में नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र क्रियाशील हैं, जिनमें जिला कुल्लू, ऊना, हमीरपुर और कांगड़ा में पुरूषों के लिए चार तथा रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा महिलाओं के लिए संचालित एक नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र शामिल हैं। नवयुवकों की कांउसलिंग के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में 108 नए दिशा केंद्र स्थापित किए गए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा सभी आशा कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों तथा मनोचिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
नशामुक्त भारत अभियान के तहत प्रदेश एवं देशभर में सामूहिक शपथ अभियान 1 अगस्त से 31 अगस्त, 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में इस दौरान छात्रों, महिलाओं, कर्मचारियों और आम जनता को इस महत्वकांक्षी अभियान में व्यापक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस दौरान संगोष्ठी वेबिनार, विद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर प्रतियोगिताएं, कार्यशालाएं, मानव श्रृंखला, छात्र रैलियां, फ्लैश मॉब, नुक्कड़ नाटक, मैराथन, वॉकथॉन, खेल प्रतियोगिताएं, पौधरोपण अभियान आदि गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिनके माध्यम से नशे से दूर रहने का संदेश जन-जन तक फैलाया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी छात्रों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने क्यूआर कोड को स्कैन कर नशीली दवाओं के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के विरुद्ध शपथ ली और इस संबंध में प्रमाणपत्र भी ऑनलाइन डाउनलोड किया। अन्य लोग भी इस क्यूआर कोड के माध्यम से नशे के विरुद्ध शपथ लेेकर इस जन अभियान में भागीदार बन सकते हैं।
इस अवसर पर इसोमसा के निदेशक सुमित खिमटा और अतिरिक्त निदेशक डॉ. भावना सहित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित

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