हिमाचल नशे का कोराबार तेजी से फैल रहा है. हिमाचल नशे के कारोबार के मामले में देश में पंजाब के बाद दूसरे नंबर पर आ गया है. केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल में 40 साल से कम आयु के 25 से 27 फीसदी युवा नशे की चपेट में हैं। नशा हिमाचल के गांव-गांव तक पहुंच चुका है और यह युवा पीढ़ि को बर्बाद कर रहा है. कांग्रेस ने आज हिमाचल को नशा मुक्त करने के लिए बड़ा ऐलान किया।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव गोकुल बुटेल ने शिमला में एक प्रैस कांफ्रेंस में कहा कि कांग्रेस सरकार बनते ही हिमाचल में एंटी ड्रग एब्यूज इन्फोर्समेंट ऑथोरिटी ( एडीईए) का गठन किया जाएगा. यह देश में अपनी तरह की इंडीपेंडेंट ऑथोरिटी होगी, इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, डीजीपी या अन्य कोई भी अधिकारी हस्तक्षेप नहीं कर सकेगा. इसकी कमान हाईकोर्ट के सीटिंग जज या लोकायुक्त के हाथों होगी. जिस तरह से सीबीआई डायरेक्टर का दो साल का कार्यकाल फिक्स होता है, उसी तरह इसके डारेक्टर का कार्यकाल भी दो साल का रहेगा. पंजाब, महाराष्ट्र और नार्थ इस्ट में नशे के लिए जो टास्क फोर्स या एंडी ड्रग स्कैवड बनाई है वे डीजीपी या सरकार के अधीन है, लेकिन हिमाचल में गठित होने वाली यह ऑथोरिटी किसी के अधीन नहीं होगी. इसके सभी जिलों में दफ्तर खोले जाएंगे।