नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है। जिले में 8 विधानसभा सीटों में थे और चौपाल में बागियों के मैदान में डटे रहने से बड़ी राजनीति पार्टियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इससे कांग्रेस और भाजपा का वोट गणित बदल सकता है। शिमला शहरी कसुम्पटी और जुब्बल कोटखाई तथा ठियोग में माकपा के मैदान में आने से मुकाबला तिकोना और रोचक होने के आसार हैं। ठियोग और चौपाल में कांग्रेस बागियों को मनाने में नाकाम रही है। ठियोग में सबसे अधिक 8 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें कांग्रेस से कुलदीप सिंह राठौर भाजपा से अजय कुमार माकपा से राकेश सिंघा के अलावा कांग्रेस के बागी होकर आजाद प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरी इंदु वर्मा और कांग्रेस के ही बागी विजय पाल आदि शामिल हैं। इंदु वर्मा के मैदान में रहने से कांग्रेस के साथ भाजपा का गणित बिगड़ने की संभावना भी रहेगी। इंदु वर्मा हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुई। विजयपाल खाची भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। चौपाल में कांग्रेस से बगावत कर सुभाष मंगलेट के मैदान में डटे रहने से कांग्रेस की मुश्किलें भी बरकरार है रामपुर में बागी हुए विशेश्वर लाल को मनाने में कांग्रेस सफल रही है। नामांकन वापसी के बाद जिले की सबसे हॉट सीटों में शिमला शहरी ठियोग और चौपाल विधानसभा क्षेत्र मानी जा रही है।