हिमाचल प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के 1134 पदों की भर्ती में पेपर लीक मामले के आरोपितों को लिखित परीक्षा में बैठने से इंकार नहीं किया जा सकता है। अगर पुलिस इन्हें बाहर करती है तो आरोपित 85 अभ्यर्थी कानूनी पेंच फंसा सकते हैं। कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो पेपर लीक मामले में आरोपित परीक्षा देने के लिए पात्र हैं। जब तक कोर्ट से दोषी करार नहीं हो जाते हैं, तब तक अपात्र नहीं होंगे। पुलिस के सामने अब दोबारा पेपर लीक न होने की बड़ी चुनौती है। खाकी नहीं चाहेगी कि उसके दामन पर एक और दाग लगे। पहले लिखित परीक्षा 27 मार्च को हुई थी, लेकिन परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था। भर्ती के लिए 187476 युवक व युवतियों ने आवेदन किए थे। इनमें से शारीरिक दक्षता, शारीरिक मानक परीक्षा 75803 अभ्यर्थियों ने उतीर्ण की थी। इसमें से लिखित परीक्षा में 26346 अभ्यर्थी उतीर्ण हुए। परीक्षा परिणाम पांच अप्रैल को घोषित किया गया था।एडीजीपी कानून व्यवस्था अभिषेक त्रिवेदी का कहना है पीएचक्यू से भर्ती संबंधी जानकारी दी गई है, वही सही है। मैं अभी वीवीआइपी ड्यूटी में हूं। भर्ती के बारे में मैं कुछ भी नहीं कह सकता।पूर्व उप महाधिवक्ता एवं हाईकोर्ट के वकील विनय शर्मा ने कहा कानूनन जब तक किसी आरोपित को कोर्ट से दोषी करार नहीं किया जा सकता है, तब तक उसे परीक्षा में बैठने से वंचित नहीं रखा जा सकता है। अभी मामला अंडर ट्रायल है। आरोपित अभ्यर्थी परीक्षा दे सकते हैं। मैंने ही कोर्ट में पेपर लीक मामले में याचिका दायर की थी। सरकार ने कहा था कि सीबीआइ जांच की सिफारिश की है। लेकिन, अभी तक जांच एसआइटी ही कर रही है। अब रिव्यू याचिका दायर कर रहा हूं।