शिमला जिले में तेज तूफान के साथ ओलावृष्टि हुई है। शिमला सहित प्रदेश के कई हिस्सों में दोपहर समय बाद मौसम ने करवट बदली और देखते ही देखते चारों तरफ अंधेरा छा गया। बिजली की तेज गर्जन के साथ तूफान आया और ओलावृष्टि शुरू हो गई। कई जगह बिजली के खंभों पर सपार्किंग होने से शहर में पॉवर कट भी लग गई। ऊपरी शिमला में भी ओले पड़ रहे हैं।मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए प्रदेश के कई भागों में 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज़ तूफान चलने की संभावना जताई थी, जो सटीक साबित हुई। मौसम विभाग ने तेज़ तूफान के कारण फसलों और फलदार पौधों को नुकसान पहुंचने की भी एडवाइजरी जारी की है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण आज़ प्रदेश के अधिकांश भागों में तेज़ तूफान आया। धूल भरी आंधी चलेगी और ओलावृष्टि हुई, लेकिन इससे किसानों और बागवानों का काफी नुकसान हुआ है।मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों और बागवानों की चिंता को बढ़ा दिया है। खेत में गेहूं, मटर, गोभी सहित कई फसलें पक कर तैयार हैं। ऐसे में तूफान, ओलावृष्टि होने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। यही हाल बागवानों का भी है। खास कर सेब बागवान मौसम को देखकर काफ़ी चिंतित हैं। क्योंकि सेब ग्रोइंग स्टेज पर था और मौसम की मार पड़ गई है। सूखे के कारण पहले ही पैदावार प्रभावित हो चुकी है। आज तूफान से इसके झड़ने का खतरा और बढ़ गया है।फसलों को ओलावृष्टि की मार से बचाने के लिए बागवानी विशेषज्ञ हेलनेट लगाने की सलाह दें रहे हैं। सब्जियों और नर्सरियों को घास या पॉलिशीट से ढक कर रखने की सलाह दी जाती है, ताकि फसलों को ओलों की मार से बचाया जा सके। ऊपरी शिमला में जुब्बल कोटखाई में लोगों ने पहले ही सेब को ओलों की मार से बचाने के लिए हेलनेट लगा रखे हैं।