शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश में 10 झूठी गारंटियों के नाम पर जनादेश हथियाने वाले वाले कांग्रेस के नेता और सुक्खू सरकार के मंत्री वोट चोरी का अभियान चला रहें हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि यह नेता किस मुंह से इस तरीके का अभियान चला सकते हैं। अपनी ही दी हुई गारंटियों से सड़क से लेकर सदन तक में मुकर जाने वाले नेता हिमाचल के लोगों से कैसे नजर मिलाएंगे। प्रदेश के लोग कांग्रेस के नेताओं को सड़क–चौराहे पर रोक–रोक कर 10 गारंटियों का हिसाब मांग रही है। जिसका कोई जवाब न तो प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास है और न ही मंत्रियों तथा विधायकों के। जिस पार्टी ने पहले कैबिनेट में ही एक लाख सरकारी नौकरी की गारंटी देकर हिमाचल की सत्ता हथियाई हो और सत्ता में आने के बाद डेढ़ लाख से ज्यादा पद एक साथ समाप्त कर दिए हों तथा 15000 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल दिया हो, वह जनता के बीच कैसे जाएगी और उनका सामना कैसे करेगी?

जयराम ठाकुर ने कहा कि यह वही मंत्री और नेता हैं जिन्होंने भगवान की झूठी कसमें खा कर, अपने आला नेताओं का हवाला देकर प्रदेश के लोगों को झूठी गारंटियां दी थी। आज उन गारंटियों के बारे में कहने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं है। मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री सरेआम अपनी कही बातें नकार चुके हैं। विकास के नाम पर सिर्फ मित्रों और अपने परिवार जनों का विकास हो रहा है और प्रदेश की जनता छोटी से छोटी सुविधाओं के लिए तरस रही है। आपदा की वजह से जिन लोगों ने अपने घर, बगीचे, पशुशालाएं, दुकानें खोई हैं उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई है। मैंने प्रदेश के कोने-कोने में जाकर देखा कि बहुत सारे लोगों को फौरी राहत भी नहीं मिल पाई है।  दूर–दराज की सड़कें तो दूर मुख्य मार्ग भी बहाल नहीं हो पाए हैं। लोगों की सब्जियां, सेब, अन्य उत्पाद खेतों में सड़ गए। सरकार की तरफ से उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। सरकार के मंत्री और विधायक इसलिए भी लोगों के पास नहीं जा रहे हैं क्योंकि उनके हाथ में कोई ताकत मुख्यमंत्री ने छोड़ी नहीं है। दूसरे प्रदेश की जनता उनसे आपदा राहत 

भी नहीं मिल पाई है।  दूर–दराज की सड़कें तो दूर मुख्य मार्ग भी बहाल नहीं हो पाए हैं। लोगों की सब्जियां, सेब, अन्य उत्पाद खेतों में सड़ गए। सरकार की तरफ से उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। सरकार के मंत्री और विधायक इसलिए भी लोगों के पास नहीं जा रहे हैं क्योंकि उनके हाथ में कोई ताकत मुख्यमंत्री ने छोड़ी नहीं है। दूसरे प्रदेश की जनता उनसे आपदा राहत के साथ-साथ पूर्व में किए गए वादे और चुनाव के समय दी गई गारंटियों का हिसाब मांगती है। जिसका जवाब सरकार के लोगों  के पास नहीं है। इसीलिए मंत्री और कांग्रेस के विधायक प्रदेश के आम आदमियों से कन्नी काटते फिर रहे हैं और प्रदेश के लोग उनका इंतजार कर रहे हैं कि किसी बहाने से सामना हो जाए।

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