राजीव बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार भाजपा और विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं कि इस त्रासदी के समय हम राजनीति कर रहे हैं, यह आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सेवा को राजनीति समझते हैं तो हम करते रहेंगे, अगर राशन किट वितरण, बर्तन किट वितरण, कंबल पहुंचाना, प्रभावितों से मिलकर उनको संवेदना प्रकट करना, उनके बीच जाकर दुख बांटना अगर राजनीति है तो ऐसी राजनीति हम लगातार करते रहेंगे। अच्छा होता कि मुख्यमंत्री और उनके नेता भी जनता के बीच उनका दुख बांटने के लिए कार्यरत होते। 

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर संभाल चुके हैं आपदा का समय : बिंदल

राजीव बिंदल ने कहा कि जब 2001 में आपदा आई थी तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सब काम छोड़ आपदा ग्रस्त क्षेत्र के दौरा करने निकले थे, उसे समय याद होगा कि वह एक समान की हवाई ट्रॉली में भी बैठकर आपदा क्षेत्र में पहुंचे थे और लाहौल स्पीति जैसे दुर्गम इलाके से वहां की फसल को हेलीकॉप्टर द्वारा दिल्ली पहुंचा गया था। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी कोविड महामारी के समय प्रदेश को तीव्र मार्केटिंग द्वारा और लगातार प्रवास के माध्यम से संभाला था। बिंदल ने कहा कि सरकार को त्वरित कार्य एवं कार्यवाही करते हुए जिन 500 से अधिक लोगों ने अपने घर और सब एवं खैर के बगीचों को पूरी तरह से खो दिया है यानी 100% हानि, उनको पुनः स्थापित करने हेतु जमीन मुहैया करवानी चाहिए। दुख की बात तो यह है की 2023 और 2024 में जिन लोगों को इस प्रकार का नुकसान हुआ था उनको प्रदेश की वर्तमान सरकार आज तक जमीन नहीं दे पाई है। यह प्रदेश सरकार का फेलियर है और इस बारे में सरकार में बैठे लोगों को गंभीरता से सोचना चाहिए। 

नुकसान के बड़े उदाहरण 

राजीव बिंदल ने मंडी जिले के त्रासदी के दौरान बड़े हाथों के उदाहरण देते हुए कहा कि पंडोह में 16 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट 100% वॉश आउट हो गया है और उसे प्रोजेक्ट की एक भी टरबाइन नहीं मिल पाई। यहां के रास्ते भी बंद हो गए और भाजपा सरकार के दौरान जो बगलामुखी माता रोप वे बनाया गया था वही एकमात्र साधन है जिससे लोग आवागमन कर पा रहे हैं इस क्षेत्र में 15 से अधिक पुल टूट गए हैं। 

एक बिजली का ट्रांसफार्मर 500 मीटर दूर जाकर गिरा। नाचन से एक मृतक शरीर देहरा महाराणा प्रताप डैम में मिला। टमाटर की पूरी फसल वॉश आउट हो गई। लंबाताज का गांव जहां 25 घर पूरा का पूरा गांव साफ हो गया। अनेकों 5 मंजिली बिल्डिंग खत्म हो गई, ऐसा प्रतीत होता है कि लाखों टन या 10000 से अधिक ट्रक पत्थर और मालवा मंडी जिला में आकर गिर गया है।