शिमला, 3 मई : ठियोग क्षेत्र में एक शख्स ने चार अन्य लोगों की पहचान और दस्तावेजों का दुरुपयोग कर बैंक से 56.83 लाख रुपये के फर्जी लोन हासिल कर लिए। इस धोखाधड़ी का खुलासा उस समय हुआ जब पीडितों को बैंकों से नोटिस और फोन कॉल्स आने लगे। ठियोग निवासी पीडित इंदर सिंह, अनिल वर्मा, जगदीश और हरीश चौहान ने पुलिस में शिकायत दी है जिसमें कहा गया है कि ठियोग के भलेच निवासी संजीव कुमार नामक शख्स ने उनके और उनके परिजनों के नाम से जाली दस्तावेज बनवाकर बैंक ऑफ इंडिया की सरोग शाखा से लोन स्वीकृत करवाया। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि संजीव कुमार ने यह पूरा खेल शाखा प्रबंधक (जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं) और कैशियर की मिलीभगत से रचा। इन बैंक कर्मियों ने बिना दस्तावेजों की सत्यता की जांच किए लोन स्वीकृत कर दिए। संजीव ने खुद को संबंधित व्यक्ति दर्शाते हुए फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से रकम निकाल ली। शिकायत के अनुसार वर्ष 2018 में इंदर सिंह, उनकी मां आशा देवी और पत्नी निशा देवी के नाम पर कुल 33 लाख रुपये का लोन लिया गया। वर्ष 2019 में अनिल वर्मा और हरीश चौहान के नाम पर क्रमशः8.50 लाख और 8 लाख रुपये का लोन निकाला गया। इसके अलावा वर्ष 2022 में जगदीश के नाम पर ऑटो लोन लेकर एक फॉर्च्यूनर गाड़ी खरीदी गई। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी सहित दो तत्कालीन बैंक अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।