शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकारी स्कूलों के 50 मेधावी छात्रों को कंबोडिया और सिंगापुर की शैक्षणिक यात्रा के लिए रवाना किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी मौजूद रहे और स्वयं बच्चों के साथ यात्रा पर रवाना हुए। मुख्यमंत्री ने ओक ओवर में आयोजित कार्यक्रम में इन मेधावी छात्रों को आवश्यक किट वितरित किए और छात्रों और उनके अभिभावकों को संबोधित किया। इसके बाद वे स्वयं बच्चों के साथ पैदल छोटा शिमला तक गए और छात्रों से संवाद किया। इस दौरान बच्चों ने उनके साथ सेल्फी भी ली।

*शैक्षणिक यात्रा बच्चों के अनुभव और ज्ञान को करेगी समृद्ध*
मुख्यमंत्री ने इस यात्रा को बच्चों के अनुभव और ज्ञान को बढ़ाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि छात्रों के ठहरने और खानपान की समुचित व्यवस्था की गई है, और शिक्षा मंत्री खुद अभिभावक की भूमिका में उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सरकार ने 100 शिक्षकों को सिंगापुर भेजा था, इस वर्ष छात्रों को विदेश भ्रमण का अवसर दिया जा रहा है। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों को गोवा भेजने की योजना भी बनाई गई है। अगले वर्ष 100 बच्चों को विदेश भेजने की योजना है, जिसमें अनाथ बच्चों को भी शामिल किया जाएगा।

*सरकारी स्कूल से पढ़कर बना मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वे स्वयं सरकारी स्कूल से पढ़कर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे हैं। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मेहनत और लगन के बल पर वे भी डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, वैज्ञानिक या किसी भी अन्य क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर सकते हैं।

*शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव*
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने के लिए बड़े बदलाव कर रही है। अब सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दी जा रही है, जिससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा। इसके अलावा, स्कूलों को यूनिफॉर्म चुनने की स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा में सुधार के चलते राज्य ASER-24 की रिपोर्ट में अव्वल रहा है।

*आगामी बजट में शिक्षा के लिए क्रांतिकारी बदलाव*
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आने वाले बजट में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। राज्य में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, जहां विश्व स्तरीय शिक्षा के साथ-साथ खेल और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने सबसे पहले टूटीकंडी बालिका आश्रम का दौरा किया और बेसहारा बच्चों की स्थिति को समझते हुए उनके लिए सुखाश्रय योजना शुरू की। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया गया है और उनकी 27 वर्ष तक की शिक्षा व अन्य खर्च सरकार वहन करेगी। इसी प्रकार, मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च सरकार उठा रही है।

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