रिकांगपिओ। जिला किन्नौर के निगुलसरी क्षेत्र में मिलेट्स यानी मोटे अनाज की खेती के लिए जाइका वानिकी परियोजना सहयोग करेगी। मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी के वन मंडल किन्नौर दौरे के दौरान गत चार नवंबर को ग्राम वन विकास समिति निगुलसरी ने उनके समक्ष यह मांग रखी। ग्रामीणों की इस मांग पर संस्तुति जताते हुए समीर रस्तोगी ने मोटे अनाज की खेती के लिए परियोजना हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। ग्राम वन विकास समिति ने निगुलसरी क्षेत्र में 10 से 15 हेक्टेयर जमीन पर पौधरोपण करने की इच्छा जताई। मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी ने वन परिक्षेत्र अधिकारी भावनगर को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि नर्सरी के लिए प्रयोग में नहीं आने वाले क्षेत्रों की विस्तृत रिपोर्ट एक सप्ताह में सौंपें, ताकि वहां औषधीय पौधे लगा सके। गौरतलब है कि मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी वन मंडल किन्नौर में जाइका वानिकी परियोजना के तहत हो रहे कार्यों का जायजा लेने एवं निरीक्षण करने के लिए समय-समय पर क्षेत्र का दौरा करते आ रहे हैं।
इसी संदर्भ में उन्होंने वन परिक्षेत्र निचार के तहत बरी में आउटलैट का शुभारंभ किया। जहां पर जाइका वानिकी परियोजना का हिमट्रेडिशन ब्रांड के प्राकृतिक उत्पाद और परिधानों की बिक्री होगी। उन्होंने जागृति स्वयं सहायता समूह बरी के सदस्यों द्वारा तैयार यूनिफॉर्म की सराहना की, जो हिमट्रेडिशन ब्रांड की पब्लिसिटी करेगी। पौंडा में भी आउटलैट का शुभारंभ किया, जहां स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री होगी। इस अवसर पर महिला स्वयं सहायता समूह बरी ने मुख्य परियोजना निदेशक के समक्ष कुल्लू एक्सपोजर विजिट की मांग उठाई। समीर रस्तागी ने कहा कि इस संदर्भ में नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा।