शिमला : नेता प्रतिपक्ष ने शिमला से बयान जारी कर कहा कि प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघ चुकी है। भ्रष्टाचार में मामले में सीधे-सीधे मुख्यमंत्री का नाम आना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इन घोटालों में मुख्यमंत्री के अत्यन्त करीबी लोगों के नाम सामने आना और भी निराशाजनक है। मुख्यमंत्री कार्यालय में ही बैठकर टेंडर की शर्ते तय की जा रही है। उन्हीं के इशारे पर लोगों को काम आवंटित किया जा रहा है। अपने लोगों को लाभ देने के लिए घोटाले किए जा रहे हैं। 175 करोड़ का टेंडर 245 करोड़ में दिया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि जिस समय प्रदेश में चुनाव चल रहे हैं उसी समय यह घोटाले भी हो रहे हैं। सरकार को किसी प्रकार का भय नहीं हैं। प्रदेश में माइनिंग घोटाले में मुख्यमंत्री के बेहद क़रीबियों के नाम सामने आ रहे हैं। आपदा के समय भी सीएम के बेहद करीबी लोगों के क्रशर चल रहे थे बाक़ी के क्रशर को सरकार ने बंद करवा रखा था। यही नहीं सरकार बनने के दो महीनें के भीतर ही सरकार ने माइनिंग पॉलिसी में परिवर्तन करके अपने क़रीबियों और मित्रों को लाभ पहुंचाया।
जिस तरह से सुक्खू सरकार के भ्रष्टाचार सामने आ रहे है, वह एकदम चौंकाने वाले हैं। प्रदेश में पहले ऐसी सरकार किसी ने नहीं देखी। जहां विकास शून्य और घोटाला चरम पर है। दिन ब दिन प्रदेश को क़र्ज़ के बोझ तले दबाया जा रहा है। युवाओं, किसानों बेरोज़गारों, बाग़वानों सभी के साथ ठगी कर रही है। हर वर्ग सरकार से त्रस्त है और सड़कों पर है। इसी कारण मुख्यमंत्री समेत दस मंत्री अपने हल्के में चुनाव हार गये। प्रदेश के लोगों द्वारा इस भ्रष्टाचारी सरकार को नकार दिया गया हैं। आने वाले चुनावों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ होगा। भाजपा तीनों सीटें जीतेगी और कांग्रेस में सत्ता परिर्वतन भी होगा।