
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार ने सफलता से कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएसर) को लागू किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के इस योजना को लागू करने के बाद 238 कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद इसका लाभ मिलना भी शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर भाजपा हिमाचल के कर्मचारियों गुमराह कर रही है कि राजस्थान में यह योजना लागू नहीं की गई है। वे मंगलवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
गहलोत ने कहा कि ओपीएस के मामले पर उन्होंने हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी दो बार बात की थी और उनसे इस योजना को लागू करने को कहा था। लेकिन लगता है कि उन्होंने अभी तक इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि इस योजना को लागू किया जे, इसलिए वह इस मामले पर चर्चा भी नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के दबाव के बाद हिमाचल समेत तीन राज्यों ने इस योजना को लेकर कमेटी बनाने की बात कही है, लेकिन मामले आगे नही बढ़ा है। वास्तव में इन सरकारों ने कर्मचारी विरोध से बचने के लिए यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस योजना के सफलता से लागू होने के बाद भाजपा नेता यहां इस मामले पर झूठ बोल रहे हैं कि वहां पर यह लागू नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए झूठ का सहारा ले रही है और यह सही नहीं है।
अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा जहां भी चुनाव लड़ती है वह नरेंद्र मोदी को आगे कर लड़ती रही है, लेकिन हिमाचल वास्तव में चुनाव कांग्रेस और भाजपा के बीच है। उन्होंने कहा कि भाजपा मोदी के सहारे कब तक चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में भाजपा को अपनी सरकार के काम को बताना चाहिए, लेकिन उनकी सरकार ने काम किए नहीं और अब स्थानीय मुद्दों को किनारे करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा, कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोथिया, एआईसीसी समन्वयक अनीस अहमद व अशोक बसोआ, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख नरेश चौहान और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष महेंद्र चौहान, प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष अमित नंदा भी मौजूद थे।