हिमाचल की राजधानी शिमला में भूस्खलन होने से चाबा-गुम्मा पंपिंग स्टेशन क्षतिग्रस्त हो गया। भूस्खलन की वजह से चाबा-गुम्मा-शिमला उठाऊ पेयजल योजना ठप हो गई है।
बड़ी-बड़ी चट्टानों से नौटी खड्ड के पानी का बहाव भी रुका है। इससे पंपिंग स्टेशन के पीछे झील बन गई है। स्टेशन के अंदर से पानी बहने से मशीनें जलमग्न हो गई हैं। हादसे के बाद SDM शिमला ग्रामीण निशांत ठाकुर और SJPNL के AGM इंजीनियर सुमित सूद ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया।
SJPNL के AGM सुमित सूद ने बताया कि पंपिंग स्टेशन की रिटेनवॉल सहित परियोजना में लगे पंप, मोटर और ट्रांसफार्मर सहित अन्य बिजली का सामान व भवन को नुकसान हुआ है।
परियोजना में लगभग 5 से 6 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। वहीं, पंपिंग स्टेशन को दोबारा शुरू करने में 4 से 5 महीने का समय लग सकता है।
SDM निशांत ठाकुर ने कहा कि योजना के ठप पड़ने से आने वाले समय में शिमला में पानी की थोड़ी समस्या रह सकती है। परियोजना को जल्द से जल्द रिस्टोर किया जाएगा।
शिमला को मिलता है 10 MLD पेयजल
शिमला ग्रामीण के सुन्नी से 5 किलोमीटर दूर सतलुज नदी किनारे ब्रिटिश राज के समय 1.75 मेगावाट का चाबा पावर हाउस बनाया गया था।
नौटी खड्ड के पानी को इस स्कीम के तहत चाबा से 14.5 किलोमीटर दूर गुम्मा पंपिंग स्टेशन पहुंचाया जा रहा है। योजना के तहत शिमला को रोजाना 10 MLD अतिरिक्त पानी मिलता है।