हिमाचल के हमीरपुर में TGT शिक्षकों की प्रवक्ता पदोन्नति के लिए DPC प्रक्रिया में हो रही देरी पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। प्रदेश हाईकोर्ट में रविन्द्र सिंह बनाम हिमाचल सरकार मामले में अवमानना याचिका की सुनवाई न्यायाधीश अजय मोहन गोयल के समक्ष 8 अगस्त को हुई। जिसमें प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा 7 जनवरी, 2022 को दिए गए फैसले को लागू न कर पाने की दशा में 22 अगस्त को शिक्षा सचिव को स्वयं हाईकोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए गए हैं।

कोर्ट ने 7 जनवरी, 2022 को पारित निर्णय में स्पष्ट किया था कि TGT शिक्षक रविंद्र सिंह व ऐसे अन्य शिक्षक इतिहास विषय में रिक्त पड़े प्रवक्ता पदों पर प्रमोट किए जाएं। जिसके लिए विभागीय पदोन्नति कमेटी की बैठक 3 माह यानि 7 अप्रैल, 2022 तक पूर्ण की जाए।

इस बारे में जानकारी देते हुए हिमाचल TGT कला संघ के महासचिव विजय हीर ने बताया कि प्रार्थी रविंद्र कुमार की बतौर TGT 5 साल सेवाकाल अवधि वर्ष 2014 में पूरी हुई थी और कई बार उसका नाम पदोन्नति पैनल में आगे भेजा गया। प्रवक्ता इतिहास के 95 पद रिक्त रहने पर भी प्रार्थी को पदोन्नति नहीं मिली।

शिक्षा सचिव को स्वयं हाईकोर्ट में उपस्थित होने का आदेश पारित

ऐसे में हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए थे कि इतिहास विषय में विशेष DPC करते हुए प्रार्थी और ऐसे अन्य पात्र शिक्षकों को TGT से प्रवक्ता पदोन्नति दी जाए। मगर शिक्षा विभाग ने 7 अप्रैल तो क्या, आज तक प्रार्थी को पदोन्नति नहीं दी है। जिसके कारण हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दर्ज हुई और हाईकोर्ट ने पहली सुनवाई में शिक्षा विभाग को 2 सप्ताह का वक्त दिया। मगर 2 सप्ताह बाद भी कोई जवाब दायर नहीं किया।

8 अगस्त को हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लिया और 22 अगस्त तक प्रमोशन प्रक्रिया के तहत DPC न किए जाने पर शिक्षा सचिव को स्वयं हाईकोर्ट में उपस्थित होने का आदेश पारित किया है। ऐसे में TGT से प्रवक्ता पदोन्नति DPC 22 अगस्त से पहले करना संभव है। उन्होंने कहा कि TGT से प्रवक्ता व हेडमास्टर पदोन्नतियों के लिए सारी प्रक्रिया पूर्ण होने पर DPC में और देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। प्रदेश शिक्षा विभाग पदोन्नति सूचियां शीघ्र जारी करे।