धर्मपुर (मंडी), 25 मार्च। ‘कौन कहता है, आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो’, इंसानी हौंसले और जीवटता को बयां करती ये पंक्तियां धर्मपुर ब्लॉक के बसंतपुर गांव के प्रगतिशील किसान अजय कुमार के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं। अपने मजबूत इरादे, कड़ी मेहनत और सरकार से मिली मदद के बूते अजय कुमार ने बंजर पड़ी जमीन पर प्राकृतिक खेती का बेहतरीन मॉडल पेश कर वहां ‘सोना’ उगाने जैसा काम किया है। रोजगार की तलाश में दौड़ते युवाओं को अजय की सफलता की कहानी उम्मीद बंधाने वाली है कि किस तरह वे अपनों के बीच रहकर खेती बाड़ी को अपनाकर अच्छी खासी आमदनी कमा सकते हैं।
अजय कुमार ने पिछले 70 सालों से बंजर पड़ी लगभग पांच बीघा पुश्तैनी जमीन को अपनी मेहनत से खेती योग्य भूमि में तबदील किया और स्वरोजगार के माध्यम से जीवन को एक नई दिशा देने का न केवल प्रयास किया बल्कि इसमें कामयाब भी हुए हैं।