यात्रा से आए लोग खोल रहे हैं सरकार की पोल, मंत्री पर बदसलूकी का आरोप लगना शर्मनाक
शिमला: शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मणिमहेश यात्रा में प्राकृतिक आपदा की वजह से श्रद्धालुओं को कठिनाई उठानी ही पड़ी लेकिन सरकार की नाकामी की वजह से भी श्रद्धालु बहुत निराश हुए। वहां 5 दिन लोग फंसे रहे लेकिन सरकार की तरफ से आपदा की व्यापकता के हिसाब से कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। मुख्यमंत्री बिहार में बिना चुनाव ही चुनावी यात्रा में व्यस्त रहे। विपक्ष के विरोध और देश भर में हो रही थू–थू के बाद वह चंबा तो गए लेकिन वहां भी उन्होंने सिर्फ खाना पूर्ति कर वापसी कर ली। स्थानी लोगों का आरोप है कि वह भरमौर से वापस लौट आए। जहां हद से ज्यादा नुकसान हुआ है और जहां मणिमहेश यात्रा के ज्यादातर श्रद्धालु फंसे हैं, उन क्षेत्रों का का सर्वेक्षण भी नहीं किया। जहां तक सड़के हैं, वहीं से वह वापस आ गए। मणि महेश यात्रा के हादसे के बारे में सरकार बहुत कुछ छुपा रही है। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार बताया जा रहा है कि उनके सामने ही लोग बह गए हैं। लेकिन सरकार उन आरोपों को झूठला रही है। जो लोग आपदा क्षेत्र से कई दिन पैदल चलकर निकल पाए हैं वह सरकार की पोल खोल रहे हैं। प्रशासन पांच दिन तक उनका हाल चाल लेने नहीं पहुंचा। हिंदुओं की आस्था की प्रमुख मणिमहेश जैसी यात्रा में सरकार की उदासीनता बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इतनी बड़ी यात्रा में हुई त्रासदी के बीच लोगों को सरकार द्वारा उनके हाल पर छोड़ दिया गया। चॉपर द्वारा पांच लोगों को चंबा पहुंचने के लिए 75 हजार रुपए वसूले गए। आपदा को अवसर बनाने वाले लोगों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। सरकार लोगों को रेस्क्यू करने के झूठे आंकड़े दे रही है। अभी भी वहां लोग हजारों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं। उनका क्या हाल है और जो लोग फंसे हैं उनके परिवार की क्या स्थिति है इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। जिम्मेदार मंत्री वहां जाकर भी श्रद्धालुओं से बहस करने में व्यस्त हैं? सरकार की नाकामी से त्रस्त लोग जब मंत्री से सवाल पूछ रहे हैं तो मंत्री उनसे पूछ रहे हैं कि उन्हें किसने बुलाया था? मंत्री पर इस तरीके के आरोप लगना बहुत शर्मनाक है। क्या आपदा ग्रस्त लोगों से इस तरीके की भाषा का इस्तेमाल और बर्ताव किया जाना चाहिए? क्या इसी तरीके से हिंदू श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाई जाएगी?
जयराम ठाकुर ने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान आपदा की वजह से फंसे लोगों का चंबा के स्थानीय लोगों ने भरपूर ध्यान रखा और उन्हें अतिथि की तरह मान सम्मान दिया। यही हमारी परंपरा और संस्कृति है। अतिथि देवो भव की हमारी परंपरा को चरितार्थ करने और मणि महेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की देवदूत बन कर मदद करने वाले सभी हिमाचल वासी बधाई के पात्र हैं।