नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बार के बजट अनुमान पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। यह सरकार के वित्त और योजना विभाग की सम्पूर्ण नाकामी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रदेश के सकल बजट का 30 फीसदी है। सरकार के सारे बजट अनुमान हवा हवाई साबित हुए हैं। फिस्कल प्रुडेंस और फ़ाइनेंसियल डिस्प्लेन वाली सरकार का यह हाल है। बजट अनुमान और उसकी हकीकत के बीच ज़मीन आमान का फ़र्क़ है। जबकि सरकार द्वारा लोगों के पैसे रोकने के अलावा कोई और बड़ा काम नहीं हुआ है। विधायक निधि भी नहीं दी जा रही है। इसके बाद भी बजट अनुमान इस तरह से नाकाम हुआ। प्रदेश भर में हर तरफ़ निराशा का माहौल है। सरकार लोगों को हर तरह से प्रताड़ित कर रही है। लोगों के बिल पेंडिंग है सरकार की योजनाओं के भुगतान नहीं हो रहे हैं। ट्रेजरी से बड़े भुगतान रोक रखे हैं। लोगों को दस हज़ार से बड़े भुगतान बड़ी मुश्किल से हो रहे हैं। ठेकेदार सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल रहा है। आउटसोर्स कर्मियों को मानदेय नहीं मिल रहा है। वेतन, पेंशन, सरकारी योजनाओं के लाभ लोगों को मिल नहीं रहे हैं, हिम केयर का भुगतान नहीं हो रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि सरकार का यह बजट जा कहाँ रहा है। इसका जवाब सरकार को देना होगा। यह सरकार हर लिहाज से प्रदेश का भरोसा खो चुकी है।