शिमला, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा भाजपा का आरोप है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरासर झूठ बोलकर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। भाजपा के विधायक दल ने पिछले कल और आज होने वाली योजना बैठकों का बहिष्कार किया क्योंकि पिछले दो साल से विधायक प्राथमिकता के अंतर्गत दी गई स्कीमों को नाबार्ड से, खासकर भाजपा विधायकों के विधानसभा क्षेत्र हैं उनकी स्कीमों के लिए नहीं दिया जा रहा था। परंतु मुख्यमंत्री महोदय ने कल मीडिया के माध्यम से जो आंकड़े रखे कि भाजपा के विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में इन दो सालों में इतनी इतनी धनराशि स्वीकृत हुई है। यह सब आंकड़े तथ्यों से पूरी तरह परे है, मुख्यमंत्री कहा सराज विधानसभा क्षेत्र में दो सालों में 50 करोड़, नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र में 124 करोड़, करसोग में 127 करोड़, सुंदरनगर में 82 करोड़, नाचन में 45 करोड़, जोगेंदरनगर में 50 करोड़ और मंडी में 33 करोड़ ऐसे अनेक विधानसभा क्षेत्रों के यहां तक कि जसवां प्रागपुर के तो 173 करोड़ का आंकड़ा दे दिया। जबकि सच्चाई से इन आंकड़ों का कोई वास्ता नहीं है, हमारे विधानसभा क्षेत्रों में दो सालों से कोई स्कीम स्वीकृत नहीं हो रही है। जो हमने विधायक प्राथमिकता में स्कीमें दी है उनकी अभी या तो डीपीआर नहीं बनी, अगर डीपीआर बनी तो वह भी प्लानिंग के पास है और अगर कोई नाबार्ड में पहुंची है तो उसको कोई धनराशि स्वीकृत नहीं हुई है। विधायक ने कहा कि यहां तक कि दो साल से पहले की भी जो विधायक प्राथमिकता की स्कीमें नाबार्ड में गई हुई है उनके लिए भी हमारे विधानसभा क्षेत्र की स्कीमों की धनराशि स्वीकृत नहीं हो रही है। विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसका कारण यह है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सत्ता में आने के बाद नाबार्ड द्वारा स्वीकृत स्कीमों के पैमाने बदल दिए, पहले यह परंपरा थी कि जो स्कीम पहले जाती थी उसको पहले स्वीकृत किया जाता था, मान लो लोक निर्माण विभाग के माध्यम से जो सड़कों पुलों की स्कीम जिस क्रम में जाती थी उसी क्रम में स्वीकृत होती थी। जल शक्ति विभाग के हेड में उसकी स्कीम में उसी क्रम में स्वीकार होती थी। परंतु वर्तमान मुख्यमंत्री महोदय नाबार्ड की मीटिंग से पहले एक पत्र लिखते हैं और उन विधायक प्राथमिकताओं को रीप्राइज करते हैं, उसकी दोबारा प्राथमिकता देते हैं, दोबारा लिस्ट देते हैं और उस लिस्ट में सिर्फ कांग्रेस पार्टी के विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों की स्कीमें होती है।

समग्र शिक्षा अभियान से दे दी सैलरी: 

नैना देवी से विदेश रणधीर शर्मा ने कहा केंद्र लगातार हिमाचल की मदद कर रहा है इस बार भी केंद्रीय करो में आर्थिक सहायता 11207 करोड़ मिली है, हर साल इसमें बढ़ोतरी हो रही है । परंतु सरकार आर्थिक कुप्रबंधन, अपनी फजूलखर्ची के कारण हालात इतने बिगाड़ चुकी है कि आज कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने के भी लाले पड़े हैं। मैं बताना चाहता हूं हालात इतने गंभीर है कि अभी 20 जनवरी 2025 को एक पत्र निकला उस पत्र के माध्यम से डायरेक्टर एलिमेंट्री ने आगे अपने अधिकारियों को कहा है कि आप जनवरी फरवरी माह का वेतन डायरेक्टर एलिमेंट्री के अंतर्गत जो अध्यापक एवं अन्य स्टाप आता है उसकी सैलरी समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत जो पैसा है उससे रिलीज दें, अब समग्र शिक्षा अभियान केंद्र द्वारा संचालित प्रोजेक्ट है उसमें अलग-अलग प्रयोजना के लिए केंद्र धनराशि जारी करता है। उस राशि को सैलरी देने के लिए डायरेक्शन देना इस सरकार की आर्थिक दिवालियापन का उद्धरण है। इसलिए हमारा आग्रह कि मुख्यमंत्री आप फिजूलखर्ची रोके, आप अपने चहेतों को सीपीएस बनाए रखने के लिए जो करोड़ों रुपए की फीस वकीलों को दे रहे हैं उसको बंद करें, आप जो आए दिन कैबिनेट रैंक के चेयरमैन बनाकर उनको ढाई ढाई लाख सैलरी और अन्य सुविधाएं दे रहे हैं उसको तुरंत बंद करें। आप जो अपने मंत्रियों के कार्यालय और अपना कार्यालय बनाने के लिए करोड़ों रुपए स्वीकृत कर रहे हैं उसको बंद करें, प्रदेश के हालात आपने बिगाड़ दिए हैं और इससे ज्यादा ना बिगड़े इसे संभलने के लिए आप राय ले। आर्थिक विशेषज्ञ एवं बुद्धिजीवी लोगों की सलाह ले ताकि इस प्रदेश को आर्थिक कंगाली से बचाया जा सके। 

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