जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार नें स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले पानी की बोतल में भी घोटाला किया है। अपने चहेतों को 90 करोड़ का टेंडर देने के लिए नियमों में भरपूर बदलाव किए गए। जिससे सरकार की चहेती फर्म को टेंडर मिल जाए। सरकार ने टेंडर जारी होने के बाद टेंडर की सारी शर्तें, बोतल की विशिष्टता, आकार और गुणवत्ता मैं भी पर्याप्त फेरबदल किया। जिससे बोतल की गुणवत्ता मानकों पर भी खरी नहीं उतर पाएगी। स्कूली बच्चों को दी जाने वाली पानी की बोतल देने की योजना में भी सरकार ने ग्रहण लगाया। विपक्ष द्वारा सवाल उठाने पर सरकार ने यह परियोजना स्थगित कर दी। ऐसे में सवाल ये है कि पानी की बोतल देने की योजना में टेंडर की शर्तों में बदलाव क्यों और किसके कहने पर हुआ? मुख्यमंत्री को प्रदेश के लोगों को इस घोटाले की सच्चाई प्रदेश के लोगों के सामने रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रोजेक्ट को रोकने, टेंडर को निरस्त और स्थगित करने से काम नहीं चलेगा। घोटाले में संलिप्त लोगों के खिलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी करनी होगी। नहीं तो उंगलियां मुख्यमंत्री पर भी उठेंगी।